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मेवाड़ की आंख कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास

कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास

KUMBHALGARH FORT

कुंभलगढ़ दुर्ग राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है, अरावली पर्वतमाला की तलहटी पर बना हुआ यह किला पर्वतमाला की पहाड़ी चोटियों से घिरा हुआ है, किले की सागर तल से ऊँचाई 1,914 मीटर है । यह आकर्षक किला एक जंगल के बीच स्थित है, जिसको एक वन्यजीव अभयारण्य में बदल दिया है ।

कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास वीडियो में 

यह किला चित्तौड़गढ़ के पश्चात राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे सुदृढ किला है, जिसको देखकर कोई भी इसकी तरफ आकर्षित हो सकता है । अगर आप राजस्थान या इसके उदयपुर शहर की यात्रा कर रहे हैं तो कुम्भलगढ़ किला देखें बिना आपकी यात्रा अधूरी है ।

चित्तौड़गढ़ के किले का इतिहास

यह राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है । कुंभलगढ़ का किला राजस्थान राज्य के उन पांच पहाड़ी किलों में से एक है, जिसको साल 2013 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था । इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था । किले के चारों तरफ 36 किलोमीटर लंबी दीवार है जिसकी वजह से इस किले पर विजय पाना काफी मुश्किल है, इसी कारण इस किले को ' अजयगढ ‘ भी कहा जाता था । कुंभलगढ़ के किले की दीवार चीन की दीवार के पश्चात विश्व कि दूसरी सबसे बडी दीवार है ।

इस किले का प्राचीन नाम मछिन्द्रपुर था, जबकि इतिहासकार साहिब हकीम ने इसे माहौर का नाम दिया था । माना जाता है की वास्तविक किले का निर्माण मौर्य साम्राज्य के राजा सम्प्रति ने छठी शताब्दी में किया था । सन 1303  में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण करने से पहले का इतिहास आज भी अस्पष्ट है ।

वर्तमान कुम्भलगढ़ किले का निर्माण सिसोदिया राजाओं ने करवाया था और इसके आर्किटेक्ट एरा मदन था ।

कुम्भलगढ किले को “ मेवाड की आँख “ भी कहा जाता है, यह दुर्ग कई दुर्गम घाटियों व पहाड़ियों को मिला कर बनाया गया है । इससे किले को प्राकृतिक सुरक्षात्मक आधार मिलता है ।

कुंभलगढ़ किले के अधिकतर ऊँचे स्थानों पर महल, मंदिर व आवासीय इमारते बनायीं गई, जबकि समतल भूमि का उपयोग खेती के लिए किया जाता था । वहीं ढलान वाले इलाकों में तालाबों का निर्माण कर इस दुर्ग को स्वाबलंबी बनाया गया ।

कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास वीडियो में 

कुंभलगढ़ किले के अंदर ही  कटारगढ़ किला है जो सात विशाल द्वारों व मजबूत दीवारों से घिरा हुआ है । कटारगढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल व कुम्भा महल स्थित है ।

कुंभलगढ़ दुर्ग में ही महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था और एक तरह से यह किला मेवाड़ रियासत की संकटकालीन राजधानी रहा है । महाराणा कुम्भा से लेकर महाराणा राज सिंह के समय तक जब भी मेवाड़ पर आक्रमण हुए, तब राजपरिवार इसी दुर्ग में रहा । यहीं पर कुंवर पृथ्वीराज और राणा सांगा का बचपन बीता था । 

चित्तौड़गढ़ के किले का इतिहास


कुम्भलगढ किले का ड्रोन वीडियो

पन्ना धाय ने भी संकट के समय महाराणा उदय सिंह को इसी दुर्ग में छिपा कर पालन पोषण किया था । महाराणा प्रताप ने भी हल्दीघाटी युद्ध के पश्चात इसी किले में शरण ली थी ।

इस दुर्ग के बनने के बाद ही इस पर आक्रमण शुरू हो गए लेकिन एक बार को छोड़ कर ये दुर्ग प्राय: अजय ही रहा है, लेकिन इस दुर्ग की कई दुखांत घटनाये भी है जिस महाराणा कुम्भा को कोई नहीं हरा सका वही शुरवीर महाराणा कुम्भा इसी दुर्ग में अपने पुत्र ऊदा सिंह द्वारा राज्य पिपासा में मारे गए । कुल मिलाकर दुर्ग ऐतिहासिक विरासत की शान और शूरवीरों की तीर्थ स्थली रहा है 

     इस किले की ऊँचाई के संबंध में अबुल फजल ने लिखा है कि " यह दुर्ग इतनी बुलंदी पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की तरफ देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है ।"

     कर्नल जेम्स टॉड ने दुर्भेद्य स्वरूप की दृष्टि से चित्तौड़ के बाद इस दुर्ग को रखा है तथा इस दुर्ग की तुलना ( सुदृढ़ प्राचीर, बुर्जों तथा कंगूरों के कारण ) ' एट्रस्कन ' से की है।

किले का स्थापत्य व अन्य

KUMBHALGARH FORT

दुर्ग की प्राचीर 36 मील लम्बी व 7 मीटर चौड़ी है जिस पर चार घुड़सवार एक साथ चल सकते हैं, इसलिए इसे भारत की महान दीवार के नाम से जाना जाता है ।

किले के उत्तर की तरफ का पैदल रास्ता ' टूट्या का होड़ा ' तथा पूर्व की तरफ हाथी गुढ़ा की नाल में उतरने का रास्ता दाणीवहा ' कहलाता है। किले के पश्चिम की तरफ का रास्ता ' हीराबारी ' कहलाता है जिसमें थोड़ी ही दूर पर किले की तलहटी में महाराणा रायमल के ' कुँवर पृथ्वीराज की छतरी' बनी है, इसे ' उड़वाँ राजकुमार ' के नाम से जाना जाता है । पृथ्वीराज स्मारक पर लगे लेख में पृथ्वीराज के घोड़े का नाम ' साहण ' दिया गया है।

किले में घुसने के लिए आरेठपोल, हल्लापोल, हनुमान पोल तथा विजयपोल  आदि दरवाजे हैं । कुम्भलगढ़ के किले के भीतर एक लघु दुर्ग कटारगढ़' स्थित है जिसमें ' झाली रानी का मालिया ' महल प्रमुख है ।


कुम्भलगढ़ किले की दीवार का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था। यह विश्व कि दूसरी सबसे लम्बी दीवार है ।

कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास वीडियो में 

गणेश मंदिर

गणेश मंदिर को किले के अंदर बने सभी मंदिरों में सबसे प्राचीन है, जिसको 12 फीट के मंच पर बनाया गया है । इस किले के पूर्वी किनारे पर 1458 ईसवी दौरान निर्मित नील कंठ महादेव मंदिर स्थित है ।

वेदी मंदिर

राणा कुंभा द्वारा निर्मित वेदी मंदिर हनुमान पोल के पास स्थित है, जो किले में पश्चिम दिशा की ओर है । वेदी मंदिर एक तीन-मंजिला अष्ट कोणीय जैन मंदिर है जिसमें छत्तीस स्तंभ हैं, मंदिर को महाराणा फतेह सिंह द्वारा पुर्ननिर्माण किया गया था ।

पार्श्वनाथ मंदिर

पार्श्व नाथ मंदिर का निर्माण 1513 ईसवी में किया गया । किले में बावन जैन मंदिर और गोलरा जैन मंदिर प्रमुख जैन मंदिर हैं ।

बावन देवी मंदिर

बावन देवी मंदिर का नाम एक ही परिसर में 52 मंदिरों से निकला है । इस मंदिर के केवल एक प्रवेश द्वार है । बावन मंदिरों में से दो बड़े आकार के मंदिर हैं जो केंद्र में स्थित हैं । बाकी 50 मंदिर छोटे आकार के हैं ।

कुंभ महल

गडा पोल के करीब स्थित कुंभ महल राजपूत वास्तुकला के बेहतरीन संरचनाओं में से एक है ।

बादल महल

राणा फतेह सिंह द्वारा निर्मित यह किले का उच्चतम बिंदु है । इस महल तक पहुंचने के लिए संकरी सीढ़ियों से छत पर चढ़ना पड़ता है ।

कुम्भलगढ़ किले में घूमने का समय

सप्ताह में सभी दिन सुबह 9 से शाम के 6 बजे तक । सम्पूर्ण कुम्भलगढ़ किले में अच्छे से घूमने के लिए कम से कम तीन घंटे चाहिए ।

कुम्भलगढ़ किले में प्रवेश करने की फीस

1. भारतीय दर्शक  10 ₹

2. विदेशी दर्शक  100 ₹

3. किले में कैमरा 25 ₹

Kumbhalgarh

कुम्भलगढ़ जाने का रास्ता

कुम्भलगढ़ किले से निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर के पास डबोक है जो कुम्भलगढ़ से करीब 95 किमी की दूरी पर स्थित है । डबोक एयरपोर्ट पहुँचने के बाद आप टैक्सी से कुम्भलगढ़ पहुँच सकते है ।

कुम्भलगढ़ से नजदीकी रेल्वे स्टेशन भी उदयपुर ही है जहाँ से आप टैक्सी या बस में कुम्भलगढ़ पहुँच सकते है ।

राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों से कुम्भलगढ़ के नियमित बस सुविधा उपलब्ध है । आप बस से वहां पहुँच सकते है ।

कुम्भलगढ़ दुर्ग का इतिहास वीडियो में 



चित्तौड़गढ़ के किले का इतिहास

चित्तौड़गढ़ के किले का इतिहास

चित्तौड़गढ़ दुर्ग

चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण मौर्य वंश के राजा चित्रांगद मौर्य ने सातवीं शताब्दी में करवाया था । चित्तौड़गढ़ किला राज्य का सबसे प्राचीनतम दुर्ग है । इसका निर्माण चित्रकूट नामक पहाडी पर किया गया है ।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग अपने सात विशालकाय मुख्य द्वारों के लिए भी प्रसिद्ध है, जो ऊपर चढ़ते समय एक के बाद एक आते हैं, प्रथम द्वार का नाम पाण्डुपोल, दूसरा द्वार भैरवपोल, तीसरा द्वार गणेशपोल, चौथा द्वार लक्ष्मणपोल, पाँचवाँ द्वार जोड़नपोल, छठा द्वार त्रिपोलिया तथा सातवां और आखिरी द्वार रामपोल है ।

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चित्तौड़गढ़ किले के बारे में प्रचलित कहावत है कि " गढ़ तो चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढैया ।"

मुख्य इमारतें जो चित्तौड़गढ़ किले में स्थित है ।

कुम्भलगढ किले का ड्रोन वीडियो

विजय स्तम्भ :- 

विजय स्तम्भ

महाराणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1440-1448 के मध्य इसका निर्माण करवाया था, इसीलिए इसका नाम विजय स्तम्भ रखा गया, इसका वास्तुकार जैता था, इसमें पत्थर पर उकेरी गई हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियों के कारण इसे हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर भी कहा जाता है । 9 मंजिला विजय स्तम्भ की ऊंचाई 120 फिट है । अंदर की ओर बनी हुई गोलाकार सीढ़ियों से आप ऊपर तक जा सकते हैं ।
कीर्ति स्तम्भ :- 

कीर्ति स्तम्भ का निर्माण भगेरवाल जैन व्यापारी जीजा ने बारहवीं शताब्दी में करवाया था । यह स्मारक जैन सम्प्रदाय के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है । एक बार बिजली गिरने के कारण कीर्ति स्तम्भ क्षतिग्रस्त हो गया था और स्तंभ के शीर्ष की छत्री खंडित हो गई थी जिसे चित्तौड़गढ़ के तत्कालीन महाराणा फ़तेहसिंह जी ने दुरुस्त करवाया था ।
रानी पद्मिनी का महल :- 

किले में स्थित रानी पद्मिनी महल रानी पद्मिनी के साहस और शान की कहानी सुनाता है । महल के पास ही सुंदर कमल का एक तालाब है । यही वह स्थान है जहाँ सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी के प्रतिबिम्ब की एक झलक देखी थी । रानी के शाश्वत सौंदर्य से सुलतान अभिभूत हो गया और उसकी रानी को पाने की इच्छा के कारण अंततः युद्ध हुआ ।

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चित्तौड़गढ़ किले पर अधिकार :- 

सातवीं शताब्दी में निर्माण के पश्चात सन् 738 में गुहिल वंश के वास्तविक संस्थापक बप्पा रावल ने मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोरी को हराकर यह किला अपने अधिकार में कर लिया, तत्पश्चात मालवा के परमार राजा मुंज ने इसे गुहिलवंशियों से छीनकर अपने राज्य में मिला लिया और 9 वीं से 10 वीं शताब्दी तक परमारों का आधिपत्य रहा ।
सन् 1133 में गुजरात के सोलंकी राजा जयसिंह ने परमार राजा यशोवर्मन को हराकर मालवा के साथ चित्तौड़गढ़ का दुर्ग पर भी अधिकार कर लिया । सोलंकी राजा अजयपाल को परास्त राजा सामंत सिंह ने सन 1174 में पुनः चित्तौड़गढ़ किले पर गुहिलवंशियों का आधिपत्य स्थापित कर दिया ।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग में तीन साके 1303, 1534, 1567-68 में हुए हैं ।

प्रथम साका :- 

सन् 1303 में महाराणा रत्नसिंह की अलाउद्दीन खिलजी से लड़ाई हुई । युद्ध में अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई, इसी समय चित्तौड़गढ़ किले का प्रथम शाका हुआ । अलाउद्दीन ने चित्तौड़गढ़ का किला अपने पुत्र खिज्र खाँ को सौंप दिया जिसने वापसी पर चित्तौड़ का राजकाज कान्हादेव के भाई मालदेव को सौंपा ।
सिसोदिया राजवंश के संस्थापक राणा हम्मीर ने मालदेव से यह किला छीन लिया । हमीर ने अपनी सूझबूझ और योग्यता से शासन करते हुए राज्य का विस्तार किया और चित्तौड़ का गौरव पुनः स्थापित किया ।

द्वितीय साका :- 

यह 1534 ईस्वी में राणा विक्रमादित्य के शासनकाल में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण के समय हुआ था। इसमें रानी कर्मवती के नेतृत्व में स्त्रियों ने जौहर किया ।

तृतीय साका :- 

यह 1567 में राणा उदयसिंह के शासनकाल में अकबर के आक्रमण के समय हुआ, जिसमें जयमल और पत्ता के नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ की सेना ने मुगल सेना का जमकर मुकाबला किया और स्त्रियों ने जौहर किया था ।

CHITTORGARH


चित्तौड़गढ़ दुर्ग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

1. चित्तौड़गढ़ दुर्ग में विजय स्तम्भ, कुम्भा स्वामी मंदिर, कुम्भा के महल, श्रृंगार चंवरी मंदिर, चार दिवारी और सातों द्वारों का निर्माण महाराणा कुम्भा ने करवाया था ।
2. चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित जयमल की हवेली का निर्माण महाराजा उदयसिंह ने करवाया था ।
3. भैरव पोल के पास ही वीर कल्ला राठौड़ की छतरी स्थित है ।
4. इस दुर्ग को सभी किलों का सिरमौर कहा जाता है ।
5. चित्तौड़गढ़ दुर्ग गंभीरी और बेड़च नदियों के संगम पर स्थित है ।
6. चित्तौड़गढ़ दुर्ग की समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1850 फीट है ।
7. चित्तौड़गढ़ की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले जयमल और पत्ता की बहादुरी से खुश होकर अकबर ने आगरा के किले के प्रवेश द्वार पर इनकी हाथी पर सवार संगमरमर की प्रतिमाएं स्थापित करवाई ।
8. इस दुर्ग में प्रमुख जल स्त्रोत भीमलत कुंड, रामकुंड व चित्रांगद मोरी तालाब है ।
9. इस दुर्ग में खेती भी की जाती है ।
10. यह राज्य का सबसे बडा दुर्ग है ।
11. माना जाता है कि भीम ने महाभारत काल में अपने घुटने के बल से यहाँ पानी निकाला था ।

पांडुपोल

चित्तौड़गढ़ ! वीरों को पैदा करने वाली वह भूमि है जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवम् बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया । यहाँ के असंख्य वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान दिया । यहाँ का कण-कण हमारे शरीर में देशप्रेम की ऊर्जा पैदा करता है । इस वीर प्रसूता भूमि को बार बार नमन । 🙏🙏


महाराणा प्रताप की जीवनी व इतिहास

महाराणा प्रताप की जीवनी व इतिहास
महाराणा प्रताप की जीवनी
जन्म
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 के शुभ दिन महाराणा सांगा के पुत्र उदयसिंह एवं महारानी जयवंता बाई के यहाँ राजसमंद जिले में स्थित कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ । हालांकि इतिहासकारों में जन्म स्थान को लेकर मतभेद है, इतिहासकार जेम्स टॉड के अनुसार महाराणा प्रताप सिंह का जन्म मेवाड़ के कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ, जबकि इतिहासकार विजय नाहर के मतानुसार बालक प्रताप का जन्म अपने नाना सोनगरा अखैराज के राजमहलों में हुआ था । महाराणा प्रताप को बचपन में “ कीका “ नाम से बुलाया जाता था ।
28 फरवरी 1572 को पिता उदयसिंह की मृत्यु होने से पूर्व ही उन्होंने अपनी सबसे छोटी रानी धीरबाई ( राणी भटियाणी ) के पुत्र जगमाल सिंह को मेवाड़ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया, जबकि जेष्ठ पुत्र होने के कारण प्रताप सिंह स्वाभाविक रूप से उत्तराधिकारी था । जगमाल सिंह विलासी प्रवर्ति का अयोग्य राजकुमार था इसलिए राज्य के अधिकतर सामंत जगमाल सिंह के बजाय प्रताप सिंह को महाराणा की गद्दी के लिए योग्य उम्मीदवार मानते थे ।
इधर जगमाल सिंह के हाथ में सत्ता आते ही उसके भोग विलास और जनता पर अत्याचार बढ़ने लगे । प्रताप सिंह ने भी छोटे भाई को समझने की कोशिश की परंतु सत्ता के अंधे जगमाल सिंह ने इसे अनदेखा कर दिया । जब जगमाल सिंह की अयोग्यता और अत्याचार हद से बढ़ने लगे तब विवश होकर मेवाड़ के समस्त सरदार एकत्र हुए और प्रताप सिंह को राजगद्दी पर आसीन करवाया । प्रताप सिंह का प्रथम राजतिलक 1 मार्च 1573 के दिन उदयपुर के नजदीक गोगुन्दा नामक गाँव में हुआ, और इसी दिन से प्रताप सिंह, महाराणा प्रताप नाम से जाना जाने लगा । महाराणा प्रताप का शारीरिक सौष्ठव ही उनके दुश्मनों के दिलों में भय पैदा करने में सक्षम था, महाराणा प्रताप साढ़े सात फिट लंबे थे और 110 किलो वजनी थे, युद्ध में जाते समय उनके साथ 80 किलोग्राम का भाला, 208 किलोग्राम की दो तलवारें और 72 किलोग्राम का लोहे का कवच होता था ।
महाराणा प्रताप का रीति रिवाजों के अनुसार द्वितीय राजतिलक कुम्भलगढ़ दुर्ग में किया गया । इधर प्रताप सिंह के राजगद्दी हथियाने के विरोध स्वरूप जगमाल सिंह ने अकबर से मित्रता गांठ ली ।
महाराणा प्रताप के राज्य की राजधानी उदयपुर थी । उन्होंने सन 1568 से 1597 तक शासन किया । उदयपुर पर विदेशी आक्रमणकारियों के संकट को देखते हुए और सामन्तों की सलाह मानकर महाराणा प्रताप ने उदयपुर छोड़कर कुम्भलगढ़ और गोगुंदा के पहाड़ी इलाके को अपना केन्द्र बनाया ।
 महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में कुल 16 शादियाँ की थी, जिनसे उनके 17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ थी ।
1568 में मुगल सेना द्वारा चित्तौड़गढ़ किले की विकट घेराबंदी के कारण मेवाड़ की उपजाऊ पूर्वी बेल्ट अकबर के नियंत्रण में आ गई । हालाँकि जंगल और पहाड़ी इलाका अभी भी महाराणा के कब्जे में थे । मेवाड़ पर अकबर की नजर इसलिए भी थी क्योंकि वह मेवाड़ से होते हुए के गुजरात के लिए एक स्थिर तलाश कर रहा था ।
महाराणा प्रताप के शासनकाल के समय तक लगभग पूरे उत्तर भारत में मुगल बादशाह अकबर का साम्राज्य, जिसमें अकबर लगातार बढ़ोतरी कर रहा था । मेवाड़ साम्राज्य अकबर के साम्राज्य विस्तार की राह में रोड़ा बना हुआ था । इसके लिए अकबर ने महाराणा प्रताप को अधीनता स्वीकार करने के लिए चार बार प्रताव भेजे ( सितंबर 1572 में जलाल खाँ, मार्च 1573 में मानसिंह, सितंबर 1573 में भगवानदास, दिसंबर 1573 में टोडरमल ) । परंतु हर बार निराश हाथ लगी, महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह की अधीनता स्वीकार करने से लड़ते हुए मरना श्रेष्ठ माना । अकबर ने महाराण को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत होने का संदेशा भिजवाया परंतु महाराणा ने इनकार कर दिया, तब युद्ध से ही मेवाड जीतना अकबर के लिए जरूरी हो गया था । जिसके परिणाम स्वरूप 18 जून 1576 को हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध हुआ ।

हल्दीघाटी का युद्ध ( 18 जून 1576 )
हल्दीघाटी का युद्ध
18 जून 1576 को मुगल बादशाह के साम्राज्य विस्तार की नीति के फलस्वरूप हल्दीघाटी नामक दर्रे के नजदीक मेवाड़ की सेना ( जिसका सेनापति महाराणा प्रताप था ) और मुगलिया साम्राज्य की सेना ( मानसिंह और आसफ खान ) के बीच भीषण युद्ध हुआ । मेवाड़ की ओर से भील सेना के सरदार राणा पूंजा भील थे, जिन्होंने इस युद्ध में अद्भुत पराक्रम दिखाया । इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार हकीम खाँ सूरी थे ।
हल्दीघाटी युद्ध में मेवाड़ की सेना में 20 हजार और मुगल सेना में 50 हजार सैनिक थे, फिर भी मेवाड़ के योद्धाओं ने मुगलों को नाकों चने चबवाये । महाराणा प्रताप ने इस युद्ध में अपनी युद्धकला और वीरता का परचम लहराया । जिस ओर उनका घोड़ा चेतक मुँह घुमा लेता उस तरफ दुश्मनों की लाशों के ढेर लग जाते । दुश्मन सेना के लिए महाराणा और चेतक यमराज और उसके भैसे की तरह दिखाई दे रहा था । इस पूरे युद्ध में मेवाड़ की सेना मुगलों पर भारी पड़ रही थी और उनकी रणनीति सफल हो रही थी । महाराणा ने हाथी पर सवार मुगलों के सेनापति मान सिंह पर चेतक से हमला किया । मानसिंह ने हाथी के ऊपर बने हौदे में छुपकर जान बचाई । इस हमले में चेतक को भी गहरी चोटें आई, चेतक युद्ध में महाराणा का अहम साथी था । यह देखकर मुगल सेना युद्ध छोड़कर केवल महाराणा प्रताप को पकड़ने पर आमाद दिखने लगी, तब बींदा के झाला मान ने महाराणा प्रताप का मुकुट स्वयं धारण कर अपने प्राणों का बलिदान दिया और महाराणा प्रताप को युद्धक्षेत्र से निकलकर उनके जीवन की रक्षा की । युद्धक्षेत्र से निकलते समय मुगल सेना ने महाराणा का पीछा किया और एक विशाल नाले को पार करने के पश्चात स्वामिभक्त चेतक की मृत्यु हो गई । इतिहासकारों के अनुसार यह युद्ध अनिर्णित रहा । अकबर ने अपनी विशाल सेना महाराणा प्रताप को जिंदा या मुर्दा लाने के उद्देश्य से भेजी थी, जिसमें वो नाकाम रहा । वहीं महाराणा प्रताप को भी मेवाड़, चित्तौड़, गोगुन्दा, कुम्भलगढ़, उदयपुर आदि इलाके छोड़ने पड़े ।
इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन अब्दुल कादिर बदायूनी ने किया था ।
इस युद्ध के पश्चात महाराणा ने जंगलों में शरण ली और धीरे धीरे अपनी शक्ति बढ़ाने लगे । इस मुसीबत के वक्त पर उनके मित्र और विश्वासपात्र सलाहकार भामाशाह द्वारा महाराणा को अपना सम्पूर्ण धन अर्पित कर दिया गया ।
वह धन्य देश की माटी है, जिसमें भामा सा लाल पला। 
उस दानवीर की यश गाथा को, मेट सका क्या काल भला॥
इस सहयोग से महाराणा में नये उत्साह का संचार हुआ । अगले तीन वर्षों में महाराणा ने पुन: सैन्य शक्ति संगठित कर मुगलों से एक एक कर अधिकांश इलाके छीन लिये । 
हल्दीघाटी का नाला फांदता चेतक

 दिवेर का युद्ध ( मेवाड़ के मैराथन )

महाराणा प्रताप ने धीरे धीरे अपनी शक्ति अर्जित की और अक्टूबर 1582 में दिवेर और छापली के दर्रो के मध्य हुए दिवेर का युद्ध में मुगल सेना को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया । यह इतिहास का एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है, क्योंकि इस युद्ध में महाराणा प्रताप को अपने खोये हुए राज्यों की पुनः प्राप्ती हुई । इस युद्ध के पश्चात महाराणा प्रताप व मुगल सल्तनत के बीच एक लम्बा संघर्ष चला, इसलिए कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को " मेवाड़ का मैराथन " कहा था |
दिवेर का युद्ध

दिवेर के युद्ध के पश्चात महाराणा प्रताप एक के बाद एक गढ़ जीतते जा रहे थे, उधर अकबर भी अपने साम्राज्य में हो रहे विद्रोहों को दबाने में उलझ गया परिणामस्वरूप मेवाड़ में मुगल साम्राज्य का शिकंजा छूटने लगा । इसका लाभ उठाकर महाराणा प्रताप ने 1585 तक लगभग सम्पूर्ण मेवाड़ पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया । इस लंबे संघर्ष के पश्चात भी मेवाड़ अकबर के हाथों से फिसल गया । महाराणा प्रताप सिंह के डर से ही अकबर अपनी राजधानी लाहौर लेकर गया और तब तक वापस नहीं लौटा जब तक की महाराणा के स्वर्ग सिधारने का समाचार नहीं मिला ।
उसके बाद महाराणा प्रताप अपने राज्य की उन्नति में जुट गए, परंतु दुर्भाग्य से 19 जनवरी 1597 को अपनी नई राजधानी चावंड में उनकी मृत्यु हो गई ।


उपसंहार

महाराणा प्रताप के स्वर्गवास के समय अकबर लाहौर में था, जब उसे सूचना मिली कि महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई है । अकबर की उस समय की मनोदशा पर अकबर के दरबारी दुरसा आढ़ा ने राजस्थानी छंद में जो विवरण लिखा वो कुछ इस प्रकार है -:
अस लेगो अणदाग पाग लेगो अणनामी !
गो आडा गवड़ाय जीको बहतो घुरवामी !!
नवरोजे न गयो न गो आसतां नवल्ली !
न गो झरोखा हेठ जेठ दुनियाण दहल्ली !!
गहलोत राणा जीती गयो दसण मूंद रसणा डसी !
निसा मूक भरिया नैण तो मृत शाह प्रतापसी !!
अर्थात -:  हे गेहलोत राणा प्रताप सिंह तेरी मृत्यु पर शाह यानी सम्राट ने दांतों के बीच जीभ अपनी दबाई और निःश्वास के साथ आंसू टपकाए । क्योंकि तूने कभी भी अपने घोड़ों पर मुगलिया दाग नहीं लगने दिया । तूने अपनी पगड़ी को किसी के आगे झुकाया नहीं, हालांकि तू अपना आडा यानि यश या राज्य तो गंवा गया लेकिन फिर भी तू अपने राज्य के धुरे को बांए कंधे से ही चलाता रहा । तेरी रानियां कभी नवरोजों में नहीं गईं और ना ही तू खुद आसतों यानि बादशाही डेरों में गया । तू कभी शाही झरोखे के नीचे नहीं खड़ा रहा और तेरा रौब दुनिया पर निरंतर बना रहा । इसलिए मैं कहता हूँ कि तू सब तरह से जीत गया और बादशाह हार गया ।
महाराणा प्रताप को उनके स्वाभिमान, अदम्य साहस, जिजीविषा और कभी हार न मानने वाले जज्बे की वजह से भारतीय इतिहास में सम्मानपूर्वक देखा और पढ़ा जाता है । आज भी महाराणा प्रताप का जीवन चरित्र समस्त भारतीयों के लिए गर्व का विषय है ।
अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान कर देने वाले ऐसे वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और उनके उनके स्वामिभक्त चेतक को शत-शत नमन । 🙏🙏🙏🙏
महाराणा प्रताप

राजस्थान माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2020

जयपुर, 19 फरवरी। राज्य विधानसभा ने बुधवार को विधानसभा में राजस्थान माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया है। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि संसद द्वारा जीएसटी में किए गए संशोधन ही इस विधेयक के जरिये किए गए हैं। विशेष परिस्थितियों एवं तात्कालिक जरूरत के मध्यनजर गत 28 दिसम्बर को इस संबंध में अध्यादेश लाया गया था। उन्होंने बताया कि इसमें किसी सेवा को जोड़ने एवं अपील का अधिकार जीएसटी परिषद् को ही है। राज्य सरकार केवल सुझाव दे सकती है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार हड़बड़ी में जीएसटी लागू नहीं करती तो इतनी गड़बड़ियां नहीं होती जिन्हें बार-बार ठीक करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले पेट्रोल-डीजल पर 3 से 4 रुपए सेस लगता था जो 2014-15 में बढ़ाकर 14 से 15 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में केन्द्र सरकार के कर संग्रह में लक्ष्य के मुकाबले ढाई लाख करोड़ की कमी आने वाली है।  
श्री धारीवाल ने बताया कि राज्य का केन्द्र सरकार के पास 2 हजार 600 करोड़ रुपए जीएसटी कंपेन्सेशन एवं 4 हजार 100 करोड़ रुपए सीएसटी का बकाया है। जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक में पुरजोर तरीके से मांग उठाने पर केवल एक महीने का कंपेन्सेशन दिया गया। उन्होंने कहा कि यह बकाया मिलने पर राज्य की कल्याणकारी सरकार प्रदेश के हित में ज्यादा काम कर सकेगी। श्री धारीवाल ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के पश्चात् राज्य को मिलने वाले कर हिस्से में नुकसान हुआ है। पहले कुल कर संग्रह का 42 फीसदी हिस्सा राज्य को मिलता था। अब कुल कर संग्रह के 85 प्रतिशत का 41 फीसदी हिस्सा ही राज्य को मिलता है। 15 फीसदी पहले ही सेस के रूप में कम हो जाता है। संसदीय कार्य मंत्री ने एंटी इवेजन की कार्यवाही का जिक्र करते हुए बताया कि गत सरकार के कार्यकाल में पांच साल के दौरान राज्य में 900 गाड़ियां पकड़कर 25 करोड़ रुपए की वसूली की गई, जबकि वर्तमान सरकार ने केवल एक साल में ही प्रभावी कार्यवाही कर 2 हजार 700 गाड़िया पकड़ी और 75 करोड़ रुपए वसूले। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 के दौरान प्रदेश में कई जगह जीएसटी फ्रॉड हुए, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। हमारी सरकार ने भिवाड़ी, जोधपुर एवं कोटा में जीएसटी फ्रॉड करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की। इससे पहले सदन ने विधयेक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के संशोधन  प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।  

राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020

जयपुर, 18 फरवरी। राज्य विधानसभा ने मंगलवार को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण विधेयक, 2020  ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि राजस्थान राज्य में निवास करने वाले व्यष्टि को सुशासन के अध्युपाय के रूप में लोक कल्याणकारी प्रसुविधाओं और सेवाओं जिनके लिए व्यय राज्य की समेकित निधि से उपगत किया जाता है, के दक्ष पारदर्शी और लक्षि्यत परिदान के लिए जन आधार आई.डी. को अभिज्ञापक के रूप में उपयोग करते हुए राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के गठन का उपबंध करने के उदेद्श्य से मुख्यमंत्री राजस्थान ने 2019-20 के उपांतरित बजट में राजस्थान जन आधार योजना की घोषणा की थी।
राजस्थान जन आधार योजना को कानूनी संस्थागत ढ़ांचा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह विधेयक अन्य बातों के साथ-साथ (क) निवासियों को एक संख्याक, एक कार्ड, एक पहचान की मूल अवधारणा के साथ सरकारी सेवाओं के परिदान के लिए एक सर्वव्यापी बहुउदेद्शीय स्कीम को क्रियान्वित करना (ख) व्यष्टि निवासियों के लिए आधार को एकल अभिज्ञापक के रूप में घोषित करने हेतु विधायन का उपबंध करना (ग) इस स्कीम के क्रियान्वयन के लिए राजस्थान जन आधार प्राधिकरण का गठन करना ( घ ) ई-मित्र के विस्तृत नेटवर्क के लिए और ई-मित्र  के प्रबंधन को प्राधिकरण के अधीन लाने के लिए कानूनी ढ़ांचा उपलब्ध कराना (ड) विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित समस्त प्रत्यक्ष प्रसुविधा अंतरण (डी.बी.टी.) स्कीमों को प्राधिकरण के अधीन लाना (च) ई-मित्र नेटवर्क के दक्ष प्रबंधन के माध्यम से  निवासियों को घर तक प्रसुविधाओं और सेवाओं का परिदान करना (छ) ऎसी विभिन्न कल्याणकारी स्कीमें, जिनकी प्रसुविधाएं निवासियों को परिदत्त की जाती है, उनके समस्त डाटाबेसों को एकीकृत करना (ज) अंतिम छोर तक वित्तीय समावेश और संस्थागत वित्त के लिए सुविधाओं हेतु उपबंध करना (झ) ग्रामीण क्षेत्रों में ई-वाणिज्य की सुविधा का परिदान करना, उपबंध करता है।
चूंकि राजस्थान राज्य विधान  सभा सत्र में नहीं थी और ऎसी परिस्थितियां विद्यमान थीं जिनके कारण राजस्थान के राज्यपाल के लिए तुरन्त कार्रवाई करना आवश्यक हो गया था। इसलिए उन्होंने 18 दिसम्बर, 2019 को राजस्थान जन आधार प्राधिकरण अध्यादेश 2019 प्रख्यापित किया जो राजस्थान राजपत्र, असाधारण, भाग 4(ख) में दिनांक 18 दिसम्बर 2019 को प्रकाशित हुआ।  इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया। 

Rajasthan Current Affairs October 2019

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Rajasthan Current Affairs for 
October 2019:  
Which state’s railway station have topped the Railway Cleanliness Survey 2019 released by Ministry of Railways ?
A. Rajasthan
B. Kerala
C. Assam
D. Uttar Pradesh
Answer: A
Explanation: Three railway stations of Rajasthan, Jaipur, Jodhpur, and Durgapura have topped the Railway Cleanliness Survey 2019, conducted at 720 railway stations by the Ministry of Railways. Four stations of Southern Railway – Perungalathur, Guduvanchari, Singaperumalkoil, Ottapallam were at the bottom of the rankings.

Which state has became the third state in India to ban certain categories of pan masala under the Food Safety Act ?
A. New Delhi
B. Rajasthan
C. Uttar Pradesh
D. Assam
Answer: B
Explanation: Rajasthan became the third state in India to ban certain categories of pan masala containing magnesium carbonate, nicotine, tobacco, mineral oil and flavoured ‘supari’ under the Food Safety Act after Maharashtra and Bihar. Even the production, storage, distribution and sale of these products is banned.

Who is elected New president of Rajasthan Cricket Association (RCA)?
A. Rameshwar Dudi
B. CP Joshi
C. Vaibhav Gehlot
D. Lalit Modi
Answer: C

Explanation: Vaibhav Gehlot, son of Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot, is the new President of the Rajasthan Cricket Association (RCA). Gehlot managed to win by 25 votes during the elections held on 4th October 2019 to become the new President of the Rajasthan Cricket Association. Vaibhav, son of Ashok Gehlot, had support from CP Joshi camp. Vaibhav has replaced Dr. CP Joshi as the new President of the Rajasthan Cricket Association (RCA). Vaibhav Gehlot had fought the Lok Sabha election from Rajasthan's Jodhpur Lok Sabha constituency on Congress ticket against the BJP's Gajendra Singh Shekhawat. He had to suffer a humiliating defeat at the hands of Shekhawat during the Lok Sabha elections in 2019.

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Rajasthan Current Affairs September 2019

Rajasthan Current Affairs for September 2019Rajasthan Current Affairs General Knowledge(GK) Multiple Choice Questions (MCQ) for RAS, IAS/ Bank and other competitive examinations across Rajasthan.  As part of Current Affairs , We will daily provides you Question of Current Affairs, India GK and World GK during whole month of September 2019 which will help you in various rajasthan state level examinations like RAS, Rajasthan Police constable exam 2019, Rajasthan LDC Exam 2019, and other state level examinations. For Current Affairs Live Updates, Rajasthan GK, Download Free Mobile App:
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Rajasthan Current Affairs for 
September 2019:  
Who took oath as the Governor of Rajasthan recently?
A. Ravindra Bhatt
B. Kalyan Singh
C. Satyadev Narayan Arya
D. Kalraj Mishra
Answer: D
Explanation: Kalraj Mishra took oath as the Rajasthan Governor on September 9, 2019. He was administered the oath by the Chief Justice of Rajasthan High Court, Justice Ravindra Bhatt. Mishra succeeds Kalyan Singh.

Which of the following personalities has been bestowed with the 2019 Ramon Magsaysay Award?
A. Ravish Kumar
B. Kiran Bedi
C. Arvind Kejriwal
D. Arnab Goswami
Answer: A
Explanation: Indian journalist Ravish Kumar has been honoured with the prestigious 2019 Ramon Magsaysay Award. The four other winners of the Award are Ko Swe Win from Myanmar, Raymundo Pujante Cayabyab from the Philippines, Angkhana Neelapaijit from Thailand, and Kim Jong-Ki from South Korea.

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Rajasthan Current Affairs August 2019

Rajasthan Current Affairs for August 2019Rajasthan Current Affairs General Knowledge(GK) Multiple Choice Questions (MCQ) for RAS, IAS/ Bank and other competitive examinations across Rajasthan.  As part of Current Affairs , We will daily provides you Question of Current Affairs, India GK and World GK during whole month of August 2019 which will help you in various rajasthan state level examinations like RAS, Rajasthan Police constable exam 2019, Rajasthan LDC Exam 2019, and other state level examinations. For Current Affairs Live Updates, Rajasthan GK, Download Free Mobile App:
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Rajasthan Current Affairs for 
August 2019:  
किस राज्य को अगस्त 2019 में ”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए चयनित किया गया?
A. पंजाब 
B. बिहार 
C. राजस्थान 
D. केरल 
Answer: C
विस्तार : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से ”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राजस्थान को ”श्रेष्ठ राज्य” श्रेणी में चयनित किया गया है।  महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि 7 अगस्त, 2019 को विज्ञान भवन दिल्ली में पुरस्कार वितरण समारोह में राज्य की ओर से पुरस्कार ग्रहण करने के लिए शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग को आमंत्रित किया गया है।  श्रीमती भूपेश ने बताया कि ”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना में उत्ष्ट कार्य करने के लिए ”सेक्स रेशो एट बर्थ” में बढ़ोतरी वाले देश के श्रेणी 10 जिलों में जोधपुर जिले को तथा ”अवेयरनेस जनरेशन एण्ड आउटरिच एक्टीविटीज” श्रेणी के लिए श्रेष्ठ 10 जिलों में नागौर को चयनित किया गया है। जिसके लिए जोधपुर एवं नागौर के जिला कलक्टर्स को पुरस्कार ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया गया है।  महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि 7 अगस्त, 2019 को विज्ञान भवन दिल्ली में पुरस्कार वितरण समारोह में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।

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Rajasthan GK Quiz 264

Rajasthan GK Quiz No. 264: Rajasthan General Knowledge Sample Question Paper with Collection 10 Question from for upcoming RAS, REET, Rajasthan Police Bharti, REET, SI, Constable, Patwari and other state exams under GK Quiz in Rajasthan GK Sample Papers. You Can Download Rajasthan GK Free Mobile App for daily current affairs, Rajasthan GK, GK Notes, Objective Quiz at RAJASTHAN GK Mobile App from various examinations of Rajasthan Govt. and central Govt Examinations.

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Rajasthan GK Quiz No. 264:
Arrange the following rulers of chouhan dynasty in chronological order-
(i) Prithviraj-I
(ii) Ajayraj
(iii) Arnoraj
(iv) Vigrahraj-IV
A. (ii),(iii),(i),(iv)
B. (i),(iii), (ii),(iv)
C. (i),(iv),(ii),(iii)
D. (i),(ii),(iii),(iv)
Answer: D

Identify the leader who was not active in Jaipur Praja Mandal-
A. Ram Karan Joshi
B. Daulat Mal Bhandari
C. Prayagraj Bhandari
D. Devishankar Tiwari
Answer: C

On the basis of maladministration Dalhousie annexed which of the following states in British empire?
A. Satara
B. Jhansi
C. Awadh
D. Nagpur
Answer: C

Which of the following is not correctly matched?
A. Thewa Art – Pratapgarh
B. Minakari – Jaipur
C. Ajarak Print – Sanganer
D. Terracotta Art – Molela
Answer: C

Which of the following temples is not of Gurjar-Pratihar style of architecture?
A. Someshwar Temple of Kiradu
B. Sun temple of Osian
C. Dadhimati Mata temple of Goth Manglod
D. Shiv temple of Charchoma
Answer: D

The dance form which is not related to Garasia tribe-
A. Walar
B. Mandal
C. Gavri
D. Loor
Answer: C

Which of the following is not a sub-dialect of Dhundari?
A. Toravati
B. Rajavati
C. Nagarchol
D. Rathi
Answer: D

The company officer who was assassinated in Kota during the Revolution of 1857-
A. Colonel Abbott
B. Captain Shawers
C. Major Burton
D. Captain Monk Mason
Answer: C

Swarna Nagari hall is a part of which Jain temple?
A. Nasiyan temple, Ajmer
B. Ranakpur temple, Ranakpur
C. Dilwara temple, Abu
D. Nakoda temple, Barmer
Answer: A

The responsibility of “Akshapatalik” in the early medieval Kingdoms of Rajasthan was-
A. To work as Chief Treasurer
B. To work as Chief Account Officer
C. To work as Foreign Minister
D. To work as Prime Minister
Answer: B

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Rajasthan GK Quiz 263

Rajasthan GK Quiz No. 263: Rajasthan General Knowledge Sample Question Paper with Collection 10 Question from for upcoming RAS, REET, Rajasthan Police Bharti, REET, SI, Constable, Patwari and other state exams under GK Quiz in Rajasthan GK Sample Papers. You Can Download Rajasthan GK Free Mobile App for daily current affairs, Rajasthan GK, GK Notes, Objective Quiz at RAJASTHAN GK Mobile App from various examinations of Rajasthan Govt. and central Govt Examinations.

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Rajasthan GK Quiz No. 263:
Arrange the following movements in the ascending chronological order-
(i) Home Rule Movement
(ii) Civil Disobedience Movement
(iii) Khilafat Movement
(iv)Quit India Movement
Correct is-
A. C,A,B,D
B. B,A,C,D
C. A,B,C,D
D. A,C,B,D
Answer: D

Who translated the book ‘Lilawati’ in Persian language in Mughal period?
A. Abdul Rahim Khan-e-Khana
B. Abdul Qadir Badauni
C. Abul Fazl
D. Abul Faizi
Answer: D

Which was the first Rajput Royal family to have matrimonial alliance with the Mughals?
A. Chouhan
B. Rathore
C. Kachchawahas
D. Guhilot
Answer: C

‘COP’ 23rd annual “Conference of the Parties” (UNFCC) was held at-
A. Helsinki
B. Bonn
C. Paris
D. Stockholm
Answer: B

‘BHORAT PLATEAU’ is located-
A. In the Northwest of Udaipur from
B. From East Delhi to Jaipur
C. From Amber to Nahargarh
D. From Jodhpur to North Ajmer
Answer: A

The biodiversity hotspot of “Succulent Karoo” is situated in-
A. Pacific Ocean
B. Asia
C. Central America
D. Africa
Answer: D

Which of the following groups of districts witnessed lowest female literacy rate as per 2011 census?
A. Jaisalmer , Sirohi ,Jalore, Chittorgarh
B. Jaisalmer, Sirohi, Banswara, Jalore
C. Jaisalmer, Sirohi, Jalore, Barmer
D. Jaisalmer, Sirohi, Barmer, Sawai,-Madhopur
Answer: C

Uspallata Pass is situated in between-
A. Chile and Argentina
B. Kirthar and Sulaiman
C. Leh and Khardungla
D. Lahaul and Spiti
Answer: A

The season of Retreating Monsoon in Rajasthan is-
A. July to August
B. January to February
C. October to December
D. March to June
Answer: C

As per the “State of Forest Report-2017” released by Forest Survey of India, the total area under forest in Rajasthan is-
A. 10.23%
B. 9.57%
C. 9.18%
D. 8.34%
Answer: B

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Rajasthan Current Affairs March 2019

Rajasthan Current Affairs for March 2019Rajasthan Current Affairs General Knowledge(GK) Multiple Choice Questions (MCQ) for RAS, IAS/ Bank and other competitive examinations across Rajasthan.  As part of Current Affairs , We will daily provides you Question of Current Affairs, India GK and World GK during whole month of March 2019 which will help you in various rajasthan state level examinations like RAS, Rajasthan Police constable exam 2019, Rajasthan LDC Exam 2019, and other state level examinations. For Current Affairs Live Updates, Rajasthan GK, Download Free Mobile App:
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Rajasthan Current Affairs for 
March 2019:  
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में 1 मार्च 2019 को भारत से किसने प्रतिनिधित्व किया?
A. राजनाथ सिंह 
B. नरेंद्र मोदी 
C. सुषमा स्वराज 
D. स्मृति ईरानी 
Answer: C 
विस्तार: भारत को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता उस समय प्राप्त हुई जब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 1 मार्च 2019 को इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation - OIC) के वर्ष 2019 के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अबू धाबी (Abu Dhabi) में भाग लिया। इस बैठक में उन्हें विशेष मेहमान के तौर पर बुलाया गया था। यह संगठन 57 इस्लामिक देशों का प्रभावशाली गठबन्धन है तथा भारत इसकी किसी बैठक में पहली बार शामिल हुआ था। उल्लेखनीय है कि भारत को 1969 के सत्र में बुलाया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए यह बुलावा निरस्त करवा दिया था। हालांकि इस बार पाकिस्तान ने भारत के भाग लेने के चलते इस बार के सत्र का बहिष्कार किया।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का नया चेयरमैन किसे नियुक्त किया गया है?
A. शशिकान्त मिश्रा 
B. भगवानलाल साहनी
C. हरदेव यादव 
D. ललित शर्मा 
Answer: B 
विस्तार: भगवान् लाल साहनी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया। कौशलेन्द्र सिंह पटेल तथा आचार्य तल्लोजू को इस आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग एक संवैधानिक संस्था है, इसकी स्थापना 123वें संवैधानिक संशोधन विधेयक 2018 तथा 102वें संशोधन के द्वारा की गयी थी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक संस्था बनाने के नया अनुच्छेद 338 बी बनाया गया था।

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Rajasthan Current Affairs February 2019

Rajasthan Current Affairs for February 2019Rajasthan Current Affairs General Knowledge(GK) Multiple Choice Questions (MCQ) for RAS, IAS/ Bank and other competitive examinations across Rajasthan.  As part of Current Affairs , We will daily provides you Question of Current Affairs, India GK and World GK during whole month of February 2019 which will help you in various rajasthan state level examinations like RAS, Rajasthan Police constable exam 2019, Rajasthan LDC Exam 2019, and other state level examinations. For Current Affairs Live Updates, Rajasthan GK, Download Free Mobile App:
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Rajasthan Current Affairs for 
February 2019:  
हाल ही में किस राज्यसभा द्वारा पारित किये गये संशोधन विधेयकों के अनुसार अब पंचायतीराज और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है?
A. उत्तर प्रदेश
B. हरियाणा
C. राजस्थान
D. मध्य प्रदेश
Answer: C
विस्तार : राजस्थान विधानसभा में हाल ही में पंचायतीराज संशोधन विधेयक और नगरपालिका संशोधन विधेयक पारित कर दिए गए। इन संशोधन विधेयकों के अनुसार अब पंचायतीराज और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

एक्सरसाइज़ राहत 2019 का आयोजन कहाँ हुआ है?
A. जयपुर 
B. गोवा 
C. चेन्नई 
D. मुंबई 
Answer: A 
विस्तार:  संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत अभ्यास 'एक्सरसाइज़ राहत' का जयपुर, राजस्थान में समापन हुआ, जिसे मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए सह-संचालन के प्रयासों के साथ राजस्थान के जयपुर, कोटा और अलवर में प्रदर्शित किया गया तथा एनडीएमए ने अभ्यास का संचालन किया। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व जयपुर स्थित सप्त शक्ति कमान द्वारा किया गया। अभ्यास में सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण तंत्र (एनडीएमआरएम), एसडीएमए राजस्थान और डीएलएमए के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

हाल ही में किस राज्य सरकार ने गुर्जरों को 5% आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है?
A. हरियाणा
B. उत्तर प्रदेश
C. राजस्थान
D. मध्य प्रदेश
Answer: C
विस्तार:  राजस्थान सरकार ने गुर्जर सहित 5 जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाला विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया।

रेगिस्तान महोत्सव 2019 कहाँ आयोजित किया गया?
A. जोधपुर 
B. जैसलमेर
C. बीकानेर 
D. जयपुर 
Answer: B 
विस्तार:  जैसलमेर के सैंड डून में रंगारंग कार्यक्रम में भाग लेने वाले हजारों पर्यटकों के साथ 40 वां अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक रेगिस्तान महोत्सव आयोजित किया गया। यह 3-दिवसीय उत्सव, गढ़सीसर झील के किले से रंगीन जुलूस के साथ, रेगिस्तान राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। इसमें मिस्टर डेजर्ट और सुश्री मूमल प्रतियोगिताओं, मूंछों की प्रतियोगिताओं, पगड़ी बांधना, संगीत और सांस्कृतिक प्रदर्शन जैसे अन्य कार्यक्रम शामिल है। लोक कलाकारों ने भी अपनी आकर्षक प्रस्तुति दी।

किसे हाल ही में दक्षिण कोरिया में सियोल शांति पुरस्कार 2018 से नवाज़ा गया है?
A. राजनाथ सिंह 
B. नरेंद्र मोदी
C. सुषमा स्वराज 
D. राहुल गाँधी 
Answer: B 
विस्तार:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दक्षिण कोरिया में सियोल शांति पुरस्कार 2018 से नवाज़ा गया है और यह पुरस्कार पाने वाले वह पहले भारतीय हैं। उन्हें यह सम्मान आर्थिक विकास और लोगों के जीवन में सुधार लाकर वैश्विक शांति व सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मिला है।

ऑस्कर पुरस्कार समारोह 2019 में निम्नलिखित में से किस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला?
A. रोमा
B. ब्लैक पैंथर
C. ग्रीन बुक
D. ब्लैकलेंसमैन
Answer: C

विस्तार:  अमेरिकी फिल्म "ग्रीन बुक" (“Green Book”) को इस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ऑस्कर प्रदान किया गया। 24 फरवरी 2019 को आयोजित 91वें अकेडमी अवॉर्ड समारोह में जहाँ इस फिल्म को कुल 3 ऑस्कर पुरस्कार मिले वहीं "बोहेमियन रेप्सॉडी" (“Bohemian Rhapsody”) वर्ष की सबसे सफल फिल्म रही और इसे 4 ऑस्कर पुरस्कार मिले। मैक्सिकन फिल्म "रोमा" (“Roma”) के लिए अल्फांसो कुआरों (Alfonso Cuaron) को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (Best Director) का ऑस्कर मिला। वहीं रामी मालेक (Rami Malek) को फिल्म "बोहेमियन रेप्सॉडी" (“Bohemian Rhapsody”) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (Best Actor) का ऑस्कर मिला जबकि फिल्म "द फेवरेट" (“The Favourite”) के लिए ओलिविया कोलमन (Olivia Colman) को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (Best Actress) का ऑस्कर मिला।