जोगणिया माता मंदिर की जानकारी व इतिहास
यदि आप भीलवाड़ा के जोगणिया माता मंदिर के दर्शन और इसके पर्यटक स्थल की जानकारी लेना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर देखें जिसमें हम आपको जोगणिया माता मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय और यात्रा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताने वाले है –
जोगणिया माता का मंदिर भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ कस्बे से 24 किलोमीटर की दूरी पर भीलवाड़ा-बिजोलिया हाइवे से 5 किलोमीटर की दूरी पर उपरमाल पठार के दक्षिणी छोर पर प्रकृति की गोद में स्थित है । यहाँ से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान का सबसे बडा जलप्रपात मेनाल जलप्रपात मौजूद है ।
जोगणिया माता का मंदिर तीन दिशाओं से अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों से घिरा हुआ है । मंदिर की दीवार के पश्चिम दिशा में सैकड़ों फिट गहरी खाई है और आगे विशाल जंगल फैला हुआ है । माता के मंदिर के चारो तरफ से घने जंगल फैले है वर्षा ऋतू में मंदिर से नीचे 300 फूट गहरे दर्रे में झरना गिरता है और बरसाती नदी बहती है ।
जोगणिया माता मंदिर से जुड़ी कथा के अनुसार पहले यहां अन्नपूर्णा देवी का मंदिर था, मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर हाड़ा राजाओं का किला स्थिति है जहां देवा हाड़ा का राज था, एक बार देवा हाड़ा ने देवी अन्नपूर्णा को अपनी बेटी की शादी में आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया । देवी अन्नपूर्णा ने राजा की अपने प्रति आस्था की परीक्षा लेने के लिए जोगन का वेश धारण किया और विवाह समारोह में पहुँची । लेकिन देवी अन्नपूर्णा को इस रूप में किसी ने नहीं पहचाना, फलस्वरूप उन्हें यथेष्ट
सम्मान नहीं मिला ।
देवी अन्नपूर्णा ने क्रुद्ध होकर वहां से वापस चली गई और पुनः सुंदर युवती का रूप धारण कर समारोह में प्रवेश किया । समारोह में आये अनेकों राजा युवती के सौंदर्य पर मुग्ध हो गए और उसे अपने साथ ले जाने के लिए लड़ने लगे । आपस में भयंकर युद्ध हुआ और देवा हाड़ा स्वयं भी इस युद्ध में घायल हुआ और अपने राज्य से हाथ धो बैठा ।
तत्पश्चात देवा हाड़ा ने अन्नपूर्णा देवी की जोगणिया माता के रूप में तपस्या की जिसके बाद जोगणिया माता के आदेश पर बूंदी चला गया और मेवाड़ के महाराणा हम्मीर की सहायता से बूंदी में हाड़ा राजवंश की स्थापना की ।
देवा हाड़ा की पुत्री के विवाह में जोगन रूप धारण करने के बाद ही वे अन्नपूर्णा माता के बजाय जोगणिया माता के नाम से प्रसिद्ध हुई ।
JOGANIYA MATA MANDIR
एक अन्य जनश्रुति के अनुसार चोर डकैत किसी भी वारदात को अंजाम देने से पहले यहां माता का आशीर्वाद लेने भी आते हैं, यही नहीं चोर डकैत यहां माता की आज्ञा भ लेने आते हैं की वारदात को अंजाम देना है या नहीं ? इसके लिए वे माता के दोनों हाथों में एक एक फूल चढ़ाते हैं । ऐसी मान्यता है कि अगर अनुमति वाले हाथ का फूल गिरता है तो वह चोरी डकैती करने निकल जायेगा और पकड़ा नहीं जाएगा । यदि मनाही वाला फूल गिरता है तो माना जाता है कि माता ऐसा करने से मना कर रही है और वह यह चोरी टाल दे ।
चोर डकैत माता का आशीर्वाद प्राप्त कर ही चोरी के लिए निकलते हैं और उससे प्राप्त धन का एक हिस्सा माता को अर्पित करते हैं । मान्यता है कि ऐसा न करने वाले पर माता क्रोधित हो जाती है और उसे अंधा कर देती है ।
जोगणिया माता मंदिर के चारों तरफ सर्वसमाज की धर्मशालाए बनी हुई है तथा मंदिर में जाने का मुख्य मार्ग तो गुर्जर धर्मशाला के बीच से होकर गुजरता है । जोगणिया माता मंदिर गर्भगृह के प्रवेश द्वार के बाहर दो सिंह प्रतिमा बनी हुई है तथा प्रवेश हेतु नीचे जाती सीढ़ियों पर द्वार बना है । इस मंदिर के नजदीक बने मंडप में प्राचीन सहस्त्रलिंग स्थापित है जिसके सामने भोलेनाथ का वाहन नदी विराजमान है । वर्तमान में जोगणिया माता का मूल मंदिर पूर्णरूपेण नया बनाया जा रहा है । मंदिर में जहां तहां मुर्गे दिखाई दे जाते है, मान्यता के अनुसार मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं द्वारा भेट स्वरूप माता को मुर्गे अर्पित किये जाने की परम्परा है ।
जोगणिया माता दर्शनों के लिए नवरात्रि का समय सबसे उत्तम है इस समय यहां विशाल मेला लगता है । इसके अलावा सावन भादवा माह में लाखों श्रद्धालु पदयात्रा पर माता के दर्शनों के लिए आते हैं । इस समय मेनाल जलप्रपात भी अपने उफान पर रहता है, इसलिए पर्यटकों की भी यहां काफी भीड़ रहती है ।
जोगणिया माता की सम्पूर्ण राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात सहित सम्पूर्ण भारतवर्ष में गहन आस्था है ।
जोगणिया माताजी का मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है ।
JOGANIYA MATA MANDIR
जोगणिया माता मंदिर वीडियो
मवाड़ धरा के शक्ति पीठों में जोगणिया माता मंदिर का नाम मुख्य रुप से आता हैं । सभी माता भक्त पोस्ट को शेयर करें
जय माता की
ReplyDeleteजय मां जोगनिया
ReplyDeleteJugniyamata
ReplyDeleteचैत्र नवरात्रि में दर्शन पूरी रात खुले रहते है क्या
ReplyDeleteYes
Deleteहा
DeleteJai mata Di 🙏🙏
Delete8223087656
ReplyDeleteJay maa Jogniya
ReplyDeleteJai ho 🙏🏻
ReplyDeleteजय माता जोगणिया माता जी की जय हो
ReplyDelete8085696298
ReplyDeleteजय माँ जोगणीया रानी
ReplyDeleteजय माँ जोगणीया रानी
ReplyDeleteजय माता दी
ReplyDeleteJay mataji
ReplyDeletejay mata ji
ReplyDeleteJai Mata di
ReplyDeleteJay ma joganiyaa 🚩🚩🙏
ReplyDeleteबहुत सारी जानकारी गलत है इसमें
ReplyDeleteMe जोगणिया माता का ही निवासी हु
ReplyDeleteJai jogniya ♥️ mata ranii mera kam safely krra degi to ubane per aauva muh tare drbar me Jai Ho Mari Mata ranii 🙏♥️🙏♥️
ReplyDeleteJai mata di 🙏🏻
ReplyDeleteJai maa jogniya
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